अन्वाधान क्या है|अन्वाधान विधी क्या है

अन्वाधान मुख्य रूप से यज्ञ की अग्नि को प्रज्वलित रखने का वैदिक अनुष्ठान है। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने और अन्वाधान विधी anvadhan vidhi का पालन करते हुए पूजा करने का भी विधान है। विशेष रूप से इस पर्व का पालन वैष्णव समुदाय द्वारा अधिक किया जाता है, जो भगवान विष्णु को सर्वोच्च मानते हैं। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं ।

अन्वाधान विधी

यहाँ अन्वाधान व्रत और पूजा विधि के मुख्य पहलू दिए गए हैं।

अन्वाधान विधी

इस के दिन भक्त श्रद्धापूर्वक व्रत रखते हैं। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य शारीरिक और मानसिक शुद्धि के साथ-साथ अनुष्ठान के प्रति पूर्ण समर्पण भाव लाना है।

अन्वाधान विधी के अंतर्गत भक्त एक दिन का उपवास रखते हैं। यह व्रत सृष्टि के पालनकर्ता भगवान् विष्णु को समर्पित होता है। अन्वाधान व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्र उदय तक रहता है। हवन करने के बाद लोग अपना उपवास समाप्त करते हैं।

अन्वाधान व्रत शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के साथ ही कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भी होता है। इस प्रकार इस पर्व की तिथि एक महीने में दो बार आती है।

इसे भी पढ़ें: परशुराम द्वादशी

अन्वाधान व्रत एवं पूजा विधि

इस दिन व्रत करने वाले को प्रातः काल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए।

अनुष्ठान प्रारंभ करने से पूर्व अन्वाधान करने वाला हाथ में जल और सामग्री लेकर अन्वाधान करने का संकल्प लेता है। इसमें वह भगवान् विष्णु से निवेदन करता है कि वह किस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह अनुष्ठान कर रहा है।

पूजा करते हुए भगवान् विष्णु के सामने घी का दीपक जलाया जाता है। उन्हें फूल और तुलसी पत्र अर्पित किया जाता है। इस दिन तुलसी के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसीलिए इस पूजा में भगवान् को तुलसी अर्पित करना अनिवार्य है।

इसके बाद विष्णु सहस्त्र्नाम का पाठ किया जाता है। विष्णु सहस्त्र्नाम का पाठ भक्तो को भगवान् विष्णु के अनंत स्वरूपों के बारे में जागरूक करता है।

भगवान् विष्णु के सभी अवतारों का स्मरण किया जाता है। भक्त अपने मन वचन और कर्मों की शुद्धता के लिए भगवान् विष्णु से प्रार्थना करते हैं।

Join WhatsApp Channel Join Our WhatsApp Channel

इसके बाद भगवान् विष्णु की आरती करी जाती है।

इस दिन भगवान् विष्णु की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है। इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है।

मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह इंद्रियों को नियंत्रित करने और आध्यात्मिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है।

(Disclaimer: The material on hindumystery website provides information about Hinduism, its traditions and customs. It is for general knowledge and educational purposes only.)


Leave a Comment

WhatsApp Channel Join Now
error: Content is protected !!