नवरात्र का आठवाँ दिन माँ महागौरी को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और माँ महागौरी ( Maa Mahagauri ) पूजा की जाती है। माँ महागौरी को श्वेत वृष पर सवार तथा त्रिशूल और डमरूधारी के रूप में दर्शाया जाता है। इनका वर्ण अत्यंत गौर है, इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है। माँ महागौरी को सुख, समृद्धि और सौंदर्य की देवी माना जाता है। इनकी पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
माँ महागौरी पूजा
यदि मन के छल कपट से दूर होकर पुरे विधि-विधान से माँ की पूजा की जाती है तो माता रानी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
पूजा सामग्री :
- माता रानी की मूर्ति या फिर तस्वीर
- गंगाजल
- एक लोटा जल, एक चम्मच
- अक्षत ( चावल )
- फूलों का हार ,साथ में कुछ खुले फूल। माता महागौरी को सफ़ेद और लाल फूल पसंद हैं। इस रंग के फूल अर्पित करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। सुहागन महिलाओं को लाल फूल से माँ की पूजा करनी चाहिए इससे उनके सुहाग को लम्बी आयु होने का आशीर्वाद मिलेगा।
- धूपबत्ती, दीपक
- नैवेद्य ( नारियल और उससे बनी मिठाई )
- पूजा पात्र ( पूजा की थाली )
माँ महागौरी पूजा :
- सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर शौचादि से निवृत्त होकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर में बने मंदिर अथवा पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
- अब पूजा चौकी पर मां महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।
- माँ के समक्ष आसन पर बैठ जाएँ।
- अब लोटे के जल में कुछ मात्रा में गंगाजल मिला लें। इससे पूरा जल पवित्र हो जायेगा।
- इसके बाद बिलकुल साफ़ मन और पूरे समर्पण के साथ माँ को प्रणाम करें।
- अपने दाहिने हाथ में थोड़े फूल, अक्षत, दक्षिणा के लिए अपनी इच्छानुसार कुछ पैसे और ऊपर से थोड़ा जल डाल कर माँ से निवेदन करना है कि “हे माँ मेरे/हमारे द्वारा की जा रही पूजा स्वीकार करें। यदि पूजा में कोई कमी रह जाय, मुझसे/हमसे कोई भूलचूक हो जाए तो माता रानी हमें माफ़ करना।”
- इसके बाद मां महागौरी के समक्ष धूप और दिया जलाएं।
- मां महागौरी को नैवेद्य अर्पित करें। माँ को फूलों का हार पहनाएं।
- अब माता रानी का ध्यान करें।
- माँ महागौरी के मंत्र का जाप करें।
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
- अंत में मां महागौरी की आरती करें।
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माँ महागौरी मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
जो भक्त इस दिन कन्या पूजन करते हैं उन्हें माँ महागौरी को नारियल के साथ ही हलवे और चने का भोग लगाना चाहिए। माँ की पूजा के बाद कन्याओं का पूजन करना चाहिए, उनसे आशीर्वाद लेकर अपनी क्षमतानुसार दक्षिणा देकर विदा कर देना चाहिए।
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माँ महागौरी को भोग :
माँ महागौरी को नारियल और उससे बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। आप नारियल की बर्फी या नारियल का लड्डू बनाकर मां को अर्पित कर सकते हैं। यदि आपके घर में अष्टम नवरात्र को कन्या पूजन की परंपरा है तो माँ को नारियल के साथ ही हलवे और चने का भी भोग लगाइये।
FAQ – Frequently Asked Questions
Q – नवरात्री के आठवें दिन कौन-सा रंग पहनना है ?
नवरात्री के आठवें दिन गुलाबी रंग पहनना शुभ माना जाता है।
Q – माता महागौरी को क्या भोग लगाएं ?
माँ महागौरी को नारियल और उससे बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। नारियल की बर्फी या नारियल का लड्डू बनाकर मां को अर्पित कर सकते हैं।
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