तीसरे नवरात्रे में माँ चंद्रघंटा की आरती से होंगे आपको 4 लाभ

नवरात्री का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा ( maa chandrghanta ) को समर्पित होता है। इस दिन पुरे विधि-विधान से माँ की पूजा करने के बाद माँ चंद्रघंटा की आरती से कई लाभ प्राप्त होते हैं। माँ चंद्रघंटा के दाएं हाथ में तलवार और बाएं हाथ में कमल है। उनका वाहन सिंह है। देवी माँ का नाम “चंद्रघंटा” इसलिए पड़ा क्योंकि इनके मस्तक पर एक चंद्रमा विद्द्यमान है।

माँ चंद्रघंटा की आरती

जय माँ चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे काम

चंद्र समान तू शीतल दाती, चंद्र तेज किरणों में समाती

क्रोध को शांत बनाने वाली, मीठे बोल सिखाने वाली

मन की मालक मन भाती हो, चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली, हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये, श्रद्धा सहित जो विनय सुनायें

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं, सन्मुख घी की ज्योत जलाएं

शीश झुका कहे मन की बाता, पूर्ण आस करो जगदाता

कांची पुर स्थान तुम्हारा, करनाटिका में मान तुम्हारा

नाम तेरा रटू महारानी, ‘भक्त’ की रक्षा करो भवानी

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अर्थ:

हे माँ चंद्रघंटा, तुम सुख की धाम हो। मेरे सभी काम पूर्ण करो।

तुम चंद्रमा की तरह शीतल हो और चंद्रमा की किरणों में समा जाती हो।

तुम क्रोध को शांत करने वाली हो और मीठे बोल सिखाने वाली हो।

तुम मन की मालकिन हो और मन को भाती हो। चंद्र घंटा रूप में तुम वरदान देने वाली हो।

तुम सुंदर भाव को लाने वाली हो और हर संकट में बचाने वाली हो।

जो बुधवार को तुम्हारा ध्यान करता है माँ और श्रद्धापूर्वक अपनी विनती सुनाता है,

जो चंद्र आकार की मूर्ति बनाता है और उसके सामने घी की ज्योत जलाता है।

शीश झुकाकर तुमसे अपने मन की बात कहता है और हे जगजननी माँ उसकी आस पूरी करो।

कांचीपुरी तुम्हारा स्थान है और करनाटिका में तुम्हारा मान है।

आपका नाम ही रटता रहता हूँ महारानी, ‘भक्त’ की रक्षा करो भवानी।

माँ चंद्रघंटा की आरती का महत्व

माँ चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। पूजा के बाद देवी माँ चंद्रघंटा की आरती उतरी जाती है। माँ चंद्रघंटा की आरती गाकर भक्त देवी चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त करते हैं। आरती में देवी चंद्रघंटा की महिमा का वर्णन किया गया है। आरती को गाकर भक्त देवी चंद्रघंटा से बुद्धि, विवेक, ज्ञान और एकाग्रता की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।

देवी चंद्रघंटा की पूजा करके आरती करने से :-

  • बुद्धि,
  • विवेक,
  • ज्ञान और
  • एकाग्रता

इन चार चीजों की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी चंद्रघंटा की कथा सुनने से भी विशेष लाभ होता है।

(Disclaimer: The material on this website provides information about Hinduism, its traditions and customs. It is for general knowledge and educational purposes only.)

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