हर वर्ष दिवाली से एक दिन पहले की तिथि को काली चौदस के रूप में जाना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं, काली चौदस क्या है ? आज इस लेख में हम आपको काली चौदस से जुड़ी हर बात बताएँगे साथ ही हम आपको बताएँगे किन चीजों का पालन करते हुए आप इस दिन माँ काली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

काली चौदस क्या है
काली चौदस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार देवी काली की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें हिंदू धर्म में शक्ति और विनाश की देवी के रूप में पूजा जाता है। काली चौदस को नरक चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस को मार डाला था।
काली चौदस के दिन लोग देवी काली की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसाद चढ़ाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों और दुकानों को साफ करते हैं और उनमें तेल के दीये जलाते हैं। लोग इस दिन नरक चतुर्दशी पूजा भी करते हैं, जिसमें वे भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा की पूजा करते हैं।
नरक चतुर्दशी काली चौदस ये दोनों हिन्दू पर्व एक ही दिन मनाये जाते हैं। इस दिन को काली चौदस के रूप में मानाने वाले लोग इस दिन माँ काली की पूजा करते हैं वहीं दूसरी तरफ इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मानाने वाले लोग इस दिन भगवान् कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा की पूजा करते हैं
काली चौदस कब है
काली चौदस 2024 : इस वर्ष काली चौदस का पर्व 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा । यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। काली चौदस को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी काली की पूजा की जाती है। कुछ स्थानों पर भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा की पूजा की जाती है।
काली चौदस पूजा मुहूर्त
इस वर्ष माँ काली की पूजा के लिए काली चौदस पूजा मुहूर्त 30 अक्टूबर 2024 रात 11:39pm से 31 अक्टूबर 2024 प्रात: 12:31am है।
इस वर्ष काली चौदस की तिथि 30 अक्टूबर 2024 को 01:15 PM पर शुरू होकर अगले दिन 31 अक्टूबर 2024 को 03:52 PM पर समाप्त होगी।
मान्यता है कि काली चौदस के दिन माँ काली की पूजा करने शारीरिक और मानसिक दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन की नकारात्मकता भी दूर हो जाती है।
काली चौदस पूजा विधि
काली चौदस की पूजा रात्री काल में की जाती है। इस समय में देवी काली की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
काली चौदस पूजा विधि :
- काली चौदस पर माँ काली की पूजा करने से पहले हमें अभ्यंग स्नान करना चाहिए। अभ्यंग स्नान वह स्नान होता है जिसमें शरीर पर उबटन लगाकर नहाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अभ्यंग स्नान करने से व्यक्ति को नरक से मुक्ति मिल जाती है।
- स्नान करने के पश्चात शरीर पर परफ्यूम लगाएं।
- इसके बाद घर के मंदिर में चौकी के ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर माँ काली की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- माँ के समक्ष आसान ग्रहण करें इसके बाद जल आचमन करें।
- माँ काली के समक्ष दीप जलाएं।
- दीप जलाने के बाद माँ को फूल हार चढ़ाएं।
- इसके बाद हल्दी, कपूर, नारियल और कुमकुम देवी माँ को चढ़ाएं।
- देवी काली की आरती करें और उनसे अपने सभी पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
माँ काली को लाल रंग के फूल अर्पित करने चाहिए। पूजा स्थल को साफ और सुंदर बनाएं। पूजा करते समय साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
काली चौदस की पूजा करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। सभी पाठकों को hindumystery परिवार की ओर से काली चौदस की हार्दिक शुभकामनाएं।
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