नवरात्रि का दूसरे दिन इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं माँ ब्रह्मचारिणी कौन हैं । सभी 9 नवरात्रों में हर दिन देवी माँ के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रमानुसार दूसरे नवरात्र में माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा की जाती है।
माँ ब्रह्मचारिणी कौन हैं
माँ ब्रह्मचारिणी देवी माँ के 9 रूपों में से एक रूप है। ब्रह्मचारिणी माँ को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है।
माँ ब्रह्मचारिणी को देवी पार्वती के अविवाहित रूप में पूजा जाता है। वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं। उनके दाहिने हाथ में एक रुद्राक्ष माला होती है और बाएं हाथ में कमंडल (पानी का एक बर्तन) होता है। रुद्राक्ष को उनके वनवासी जीवन में भगवान शिव को पति के रूप में पाने की तपस्या से जोड़कर देखा जाता है।
Maa Brahmacharini की पूजा करने से भक्तों को अनेक प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं, जैसे तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार की वृद्धि होती है। विद्यार्थियों के लिए और साथ ही तपस्वियों के लिए भी इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है।
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माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि -(Maa Brahmacharini Puja Vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर शौचादि से निवृत होकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। यदि आप नवरात्रों में 9 दिन का व्रत रख रहे हैं तो सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ जाना श्रेष्ठ और फलदायी होता है।
- अपने घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ़ करके ब्रह्मचारिणी माँ की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- माँ के सामने घी या तेल का दिया और धूप जलाकर माँ को फूल, अक्षत, रोली और प्रसाद अर्पित करें।
- इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें।
- पूजा के अंत में माँ ब्रह्मचारिणी की आरती करें। इसके बाद पूजा में हुई किसी भी प्रकार की भूल-चूक के लिए माफ़ी मांगे।
- इस प्रकार Maa Brahmacharini की पूजा संपन्न हुई।
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों को अनेक प्रकार के लाभ होते हैं, जैसे:
- ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है।
- तप, त्याग और वैराग्य की वृद्धि होती है।
- सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माँ ब्रह्मचारिणी का भोग क्या है
नवरात्री के दूसरे दिन Maa Brahmacharini की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी माँ को प्रसाद के रूप में पंचामृत का भोग लगाया जाता है।
माँ को पंचामृत का भोग लगाने के लिए हम घर में ही पंचामृत तैयार कर सकते हैं। पंचामृत बनाने के लिए सामग्री:
- दूध ( आधा कप )
- दही
- शहद
- देसी घी
- कटे हुए मेवे
- तुलसी के पत्ते
- गंगाजल
पंचामृत बनाने की विधि
- पंचामृत बनाए के लिए सबसे पहले एक बर्तन में दूध ले और इसमें दही मिलाएं।
- दूध और दही के मिल जाने के बाद उसमें शहद और घी मिलाएं। सामग्री को एकसार मिलाने के लिए उसमे अच्छी तरह चम्मच चलाते रहें।
- इसके बाद उसमे मेवे, तुलसी और गंगाजल मिलायें।
- पंचामृत तैयार है। पूरी श्रद्धा के साथ ब्रह्मचारिणी माँ को पंचामृत प्रसाद का भोग लगाएं।
माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।
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FAQ – Frequently Asked Questions
- माँ ब्रह्मचारिणी का भोग क्या है ?
नवरात्री के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा के बाद माँ को पंचामृत का भोग लगाया जाता है।
- माँ ब्रह्मचारिणी को कौन सा कलर पसंद है ?
माँ ब्रह्मचारिणी को पीला रंग पसंद है। इस दिन पूजा करते समय, भक्तों को पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
- माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा क्यों की जाती है ?
माँ ब्रह्मचारीणी कठोर तपस्या करने वाली हैं। देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा से भक्तों में ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की वृद्धि होती है। इसीलिए ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की प्राप्ति के लिए माँ की पूजा की जाती है।
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