गायत्री मंत्र जाप करने के नियम क्या हैं

गायत्री मंत्र को वेदों का सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। हिन्दू शास्त्रों में गायत्री मंत्र जाप करने के नियम बताये गए हैं। गायत्री मंत्र का जाप करते समय इन नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।

गायत्री मंत्र जाप करने के नियम

यह मंत्र सूर्य देवता को समर्पित है और व्यक्ति की बुद्धि, आत्मा और जीवन को शुद्ध और प्रकाशित करने में सहायता करता है।

गायत्री मंत्र जाप करने के नियम

गायत्री मंत्र जाप करने के नियम के अनुसार मंत्र जाप का उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 5:30 बजे तक) है इसके साथ दोपहर और शाम का समय भी है। शांत और स्वच्छ स्थान पर कुशा या सूती वस्त्र का आसान बिछाकर, तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग करते हुए मंत्र जाप के समय गायत्री मंत्र का उच्चारण हमेशा सही तरीके से करना चाहिए, गलत उच्चारण के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। मंत्र जाप के दौरान साधक को सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए।

सुबह मंत्र जाप के समय मुख पूर्व दिशा और शाम को पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यदि आप मंदिर में हैं तो मुख भगवान् की प्रतिमा के सम्मुख होना चाहिए।

आगे हम आपको विस्तारपूर्वक गायत्री मंत्र जाप के नियम बताएँगे।

You may also like:- गायत्री मंत्र के नुकसान क्या हैं

  • समय: गायत्री मंत्र जाप करने का सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 5:30 बजे तक) माना गया है। इस समय के अलावा, आप दोपहर और शाम को भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। रात्रि में सूर्यास्त के 1 घंटे बाद तक गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है।

  • स्थान: गायत्री मंत्र का जाप हमेशा शांत और स्वच्छ स्थान पर करना चाहिए। बगीचा, मंदिर या जलाशय इस कार्य हेतु उपयुक्त होते हैं किन्तु जहाँ ऐसी जगह न मिले वहां घर का कोई शांत और स्वच्छ स्थान सही रहेगा।

  • आसन: गायत्री मंत्र का जाप करते समय आरामदायक आसन में बैठें। आप पद्मासन, सुखासन या सिद्धासन में बैठ सकते हैं। जाप करते समय जमीन पर बिना आसान बिछाये नहीं बैठना चाहिए और जाप के लिए बैठते समय हमेशा कुशा (घास) या सूती वस्त्र के आसान का प्रयोग करना चाहिए। जाप करते समय पीठ झुकाकर नहीं बैठना चाहिए। बैठते समय हमेशा अपनी रीढ़ को सीधा रखकर बैठें।

  • माला: गायत्री मंत्र का जाप करते समय आप तुलसी या चन्दन की माला का उपयोग कर सकते हैं। एक से ज्यादा माला जाप करने पर कभी भी सुमेरु को लांघना नहीं चाहिए। एक माला पूरी होने पर उसे माथे से लगाकर पीछे की तरफ उल्टा घुमाकर पुनः माला जाप शुरू करना चाहिए।

  • संख्या: आप अपनी श्रद्धा के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। आप एक माला अर्थात 108 बार जप कर सकते हैं यदि आप इतना न कर सकें तो आप आधी माला अर्थात 54 बार कर सकते हैं। अगर आप 54 बार भी न कर सकें तो अपनी क्षमता अनुसार 27 बार या 11 बार मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र का जाप उँगलियों पर गिनकर भी किया जा सकता है।

  • उच्चारण: गायत्री मंत्र का उच्चारण हमेशा सही तरीके से करना चाहिए। गलत उच्चारण के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। मंत्र साधना शुरू करने से पहले किसी घर के आस पास किसी योग्य पंडित, पुजारी से सलाह अवश्य लें।

  • मन: गायत्री मंत्र का जाप हमेशा शुद्ध और शांत मन से करना चाहिए।

  • दिशा: गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सुबह के समय आपका मुख पूर्व दिशा में और शाम के समय आपका मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यदि घर में मंदिर है तो मंदिर में भगवान् की प्रतिमा के सम्मुख बैठकर जाप करना ही उचित है।

  • वस्त्र: मंत्र जाप करते समय सदैव साफ वस्त्र धारण करें।

  • घर में जन्म अथवा मृत्यु की स्थिति में जाप: जन्म अथवा मृत्यु की स्थिति में सूतक लग जाने पर माला की सहायता से किया जाने वाला विधिवत गायत्री मंत्र का जाप स्थगित कर देना चाहिए। सूतक लग जाने की स्थिति में केवल मानसिक जाप ही जारी रख सकते हैं।

  • स्नान: मंत्र जाप के समय शरीर की शुद्धता अति महत्वपुर्ण है इसीलिए साधक को स्नानादि द्वारा शरीर को शुद्ध करके ही मंत्र जाप करना चाहिए। किन्तु बीमारी या किसी अन्य कारणवश यदि नहाना संभव न हो तो शरीर को गीले कपड़े से पोंछकर भी काम चलाया जा सकता है।

  • भोजन: गायत्री मंत्र जाप के दौरान साधक को सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए। अधिक मिर्च मसाले वाले भोजन से परहेज करना चाहिए।

गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है। यदि गायत्री मंत्र जाप करने के नियम का पालन सही तरीके से किया जाए, तो यह जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकता है। श्रद्धा के साथ नियमों का पालन करके इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि गायत्री मंत्र का जाप हमेशा सकारात्मक और पवित्र उद्देश्य से करना चाहिए।

(Disclaimer: The material on this website provides information about Hinduism, its traditions and customs. It is for general knowledge and educational purposes only.)

Leave a Comment

WhatsApp Channel Join Now
error: Content is protected !!