अपने मन को शांत कैसे करे

कभी-कभी रोज़ाना के जीवन की चिंताएं, योजनाएं आदि आप पर तेजी से हावी हो जाती हैं ऐसे में अपने मन को शांत कैसे करे और अपने विचारों पर काबू कैसे पाएं यह जानने के बाद आप अपने मन को शांत रखने में सफल हो पाएंगे और आपका स्वयं पर नियंत्रण भी स्थापित होगा।

मन को शांत रखना कई कारणों से बहुत जरूरी है, क्योंकि यह न केवल आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। आज इस लेख में हम आपको विस्तारपूर्वक बताएँगे Apne man ko shant kaise kre.

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अपने मन को शांत कैसे करे

Man ko shant kaise kre – अध्यात्म में यह शिक्षा दी गयी है कि अपने मन को शांत रखने के लिए आपको ऐसी चीज़ों से अपनी पहचान को अलग करना होगा जो वास्तव में आप नहीं हैं जैसे आपका शरीर, आपके कपड़े, आपका परिवार, आपके बच्चे, आपकी जॉब, आपकी प्रॉपर्टी, आपका देश, आपका धर्म। जिस दिन से इन सभी से आप खुद की पहचान को जोड़ना बंद कर देंगे। आप देखेंगे कि आपके मन में आने वाला विचारों का सैलाब धीरे – धीरे कम हो जायेगा और आपका मन शांत हो जायेगा।

अपने अपनी पहचान बहुत ही बाहरी चीजों के साथ जोड़ रखी है जैसे – आप अपनी पहचान अपने नाम को मानते हैं। अगर कोई आपसे पूछे आप कौन हैं, तो सबसे पहले आप अपना नाम बताएँगे जैसे अमित, रवि, राकेश, जो भी आपका नाम होगा।

अगर कोई आपसे पूछे आप कौन हैं, तो आप बताएँगे कि मैं अमित हूँ। लेकिन अमित सिर्फ आपका नाम है, आप अमित नहीं हो। हो सकता है आप कहें की मैं एक डॉक्टर हूँ, एक इंजीनियर या एक बैंक मैनेजर हूँ लेकिन ये भी सिर्फ आपका पेशा है। ये आप नहीं हैं। ये आपकी सही पहचान नहीं है।

इसी तरह और भी कई चीजें हैं जिन्हें आपने खुद से जोड़ लिया है और आप उन्हें अपनी पहचान मानते हैं जैसे आप मानते हैं कि मैं एक हिन्दू हूँ, मैं एक सिख हूँ लेकिन हिन्दू या सिख सिर्फ आपका धर्म है।

अगर आप अपने मन में आने वाले विचारों पर पर ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा कि सुबह से शाम तक आपके मन में लगातार चलने वाली विचारों की शृंखला इन्हीं सब चीजों से जुडी है जिन्हें आपने खुद से जोड़ लिया है। आपका शरीर, आपकी जॉब, आपका परिवार, आपकी प्रॉपर्टी, आपका देश। आपके मन में दिनभर चलने वाले विचार आपकी सेहत से जुड़े होंगे या आपके परिवार से जुड़े होंगे। आप परिवार में चलने वाले किसी कलेश-अनबन के बारे में सोच रहे होंगे या फिर परिवार में घटी कोई घटना आपके विचारों में घूम रही होगी।

इसी तरह आपके मन में आने वाले विचार या तो आपकी जॉब से जुड़े होंगे या फिर आपके मन में अपनी प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने को लेकर कैलकुलेशन चलती रहेगी। यदि आप अपने देश अपने धर्म को महत्व देते हो तो उनसे जुड़े विचार भी आपके मन में चलते रहेंगे।

यहाँ हमारे पाठकों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि अगर मैं अमित नहीं हूँ वो सिर्फ मेरा नाम है, मैं डॉक्टर नहीं हूँ वो सिर्फ मेरा पेशा है, मैं हिन्दू या सिख नहीं हूँ वो सिर्फ मेरा धर्म है मैं भारतीय नहीं हूँ वो सिर्फ मेरा देश है तो फिर मैं कौन हूँ ?

यहाँ मैं अपने पाठकों को बता देना चाहता हूँ कि यह प्रश्न जितना सरल है इसका उत्तर उतना सरल नहीं है। यदि कोई जानना चाहता है कि मैं कौन हूँ तो इसके लिए आध्यात्मिक साधना का मार्ग चुनना होगा। यह भी हो सकता है, मैं कौन हूँ ? यह जान लेने के बाद आप अपने परिवार, अपने गृहस्त जीवन से दूर हो जाएँ। अगर आप इस विषय में विस्तार से जानना चाहते हैं तो एक सही गुरु ही इस विषय पर आपका सही मार्गदर्शन कर सकते हैं।

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मन को शांत रखने का उपाय

आप जान ही गए हैं की आपके मन में लगातार आने वाले विचार इस वजह से है क्यूंकि आपने खुद को कई ऐसी चीजों से जोड़ लिया है जो आप नहीं हैं।

अब अगर आप अपने मन को शांत रखने का उपाय जानना चाहते हैं तो इसका सबसे सरल तरीका यही है कि जब भी आपके मन में फ़िज़ूल के विचार आएं तो सबसे पहले आप यह ध्यान दीजिये आपके मन में चल रहे विचार किस से जुड़े हैं। जैसे ही आपको पता चले की आपके मन में चल रहे विचार किस चीज से जुड़े हैं आपका शरीर, आपकी नौकरी, आपका परिवार, आपकी प्रॉपर्टी, आपका देश, आपका धर्म तो उसी समय खुद को याद दिलाइये कि “ये मैं नहीं हूँ” “मेरी ये सही पहचान नहीं है।” इस उपाय को कुछ समय तक करते रहने से आप अपने मन को शांत रखने में सफल होंगे।

जिस पल से आप अपनी इन गलत पहचानों से खुद को दूर करने लगते हैं उसी पल से आपके मन में आने वाले तरह-तरह के विचार धीरे – धीरे कम होते चले जाएंगे। और आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा।

इसके साथ ही नियमित रूप से ध्यान करना भी आपके मन को शांत रखने में सहायक होता है। यदि आप इस उपाय के साथ ही अपने दैनिक जीवन में ध्यान करते हैं तो आप अपने मन को शांत रखने में अवशय सफल हो पाएंगे। अगर आप ध्यान साधना को भी अपने जीवन में शामिल करते हैं तो यहाँ आपको इस बात का पालन करना है कि, आपको नियमित रूप से ध्यान करना होगा। नियमित रूप से किया जाने वाला ध्यान ही मानसिक शान्ति प्राप्त करने में आपके लिए सहायक होगा।

यदि आप मन की शांति के लिए इस उपाय का पालन कर रहे हैं तो जिस समय आपके मन में अपने शरीर अपनी सेहत से जुड़े विचार चल रहे हों उसी समय आप खुद को याद दिलाइये कि मैं ये शरीर नहीं हूँ।

इसी तरह जब आपके मन में अपनी नौकरी, अपने व्यापर से जुड़े विचार चल रहे हों तो उस समय आप खुद को याद दिलाइये कि में ये नहीं हूँ ये सिर्फ मेरा पेशा है।

इसी प्रकार जब भी आपके मन में गैरजरूरी विचार चल रहे हों तो आप खुद को याद दिलाइये कि मैं ये नहीं हूँ। इस प्रकार इस प्रक्रिया को निरंतर करते रहने से आपका मन शांत हो जायेगा।

Note – यह केवल आपके मन में लगातार आने वाले विचारों को रोकने का तरीका है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप खुद को याद दिलाएं की ये मैं नहीं हूँ और फिर आप कर्म करना भी छोड़ दें। अगर आपने इस धरती पर जन्म लिया है तो आपको कर्म करना ही होगा यही इस सृष्टि का नियम है। जिस समय आपको अपने परिवार, अपने पेशे या जीवन से जुड़े किसी भी महत्व्पूर्ण बिंदु से जुड़ा कोई जरूरी निर्णय लेना है कोई हल निकलना है तो अवश्य विचार कीजिये।

बहुत से पाठकों का यह प्रश्न भी है जब हमारा मन शांत हो जायेगा, हमारे मन में विचार आने बंद हो जायेंगे उस वक़्त क्या होगा।

उस वक़्त कुछ भी नहीं होगा। आपका मन, आपका फोकस केवल उस काम पर होगा जो काम आप उस समय कर रहे होंगे।

मन को शांत रखने का मंत्र

अगर आप चाहते हैं कि जिस समय आप खाली बैठे हों उस समय भी आपके मन में कोई विचार ना आये। जिस समय आप किसी मुद्दे पर, किसी बात पर, किसी विषय-वस्तु के बारे में सोचना चाहते हों उसके ऊपर विचार करना चाहते हों केवल उसी समय आप उसके बारे में सोचें, विचार करें उसके बाद आपके मन में कोई विचार न आये।

इसके लिए आप मन को शांत रखने का मंत्र का पालन कर सकते यह भगवान् शिव का ध्यान मंत्र है जो कि बड़ा ही सरल मंत्र है। एक आम जीवन जीने वाला व्यक्ति भी इस मंत्र की साधना कर सकता है। इस मंत्र का वर्णन हमें शास्त्रों में मिलता है जहाँ माँ पार्वती और भगवान् शिव के वार्तालाप के दौरान भगवान् शिव ने अपने इस ध्यान मंत्र का वर्णन किया है।

भगवान् शिव बताते हैं कि वो जब भी साधना में बैठते हैं तो उनका ध्यान मंत्र “सोहम्” है। जब भी हम सांस लेते हैं तो सांस लेते समय “सो” की ध्वनि उत्पन्न होती है इसी प्रकार सांस छोड़ते समय “हम्” की ध्वनि उत्पन्न होती है। इस प्रकार भगवान् शिव बता रहे हैं कि वे साधना के समय अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित रखते हैं। यह मंत्र खाली समय में भी आपके मन को शांत रखेगा।

अगर आप चाहते हैं कि जिस समय आप खाली बैठे हों उस समय भी आपके मन में कोई विचार ना आये तो आप इस मंत्र का जाप करिये। अति सरल तरीके इस मंत्र का जाप ऐसे करिये जब भी आप खाली बैठे हों या कहीं जा रहे हों या फिर किसी भी समय जब आप चाहते हों कि आपके मन में कोई विचार न आये तो उस समय आप केवल अपनी साँसों पर ध्यान दीजिये। अपनी साँसों की गति पर ध्यान दीजिये। इस प्रकार आप अति सरलता पूर्वक इस मंत्र का जाप करते हुए खाली समय में भी अपने मन के विचारों से दूरी बना कर रख सकते हैं।

इस प्रकार आप अपने मन को शांत रखने में सफल हो जायेंगे और शांत मन आपके शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

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