पितृ दोष ( Pitra dosha ) व्यक्ति के पूर्वजों से संबंधित होता है। पितृ दोष के कारण व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि आर्थिक परेशानी, शारीरिक बीमारी, मानसिक तनाव, वैवाहिक जीवन में समस्याएं, और संतान सुख में कमी।

पितृ दोष के लक्षण
यदि आपके घर में पितृदोष है तो आपको निम्नलिखित समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि, कैसे पहचाने घर में पितृदोष है ? तो आप नीचे दिए गए कारणों से अंदाज़ा लगा सकते हैं की आपका घर पितृ दोष के लक्षण से प्रभावित है और आप इसके निवारण का उपाय कर सकते हैं।
पितृ दोष के लक्षण :
- आपके घर में जन्म लेने वाला बच्चा मंदबुद्धि, विकलांग हो या बच्चा पैदा होते ही मर जाता है तो कारण आपके घर में पितृ दोष है।
- यदि घर में आपकी पत्नी, बहु, या बेटी को गर्भ धारण करने में समस्या आ रही है। घर महिलाओं का गर्भ धारण न होना तो इसका कारण आपके घर में पितृदोष की समस्या भी हो सकती है।
- अगर घर में किसी बात को लेकर अक्सर लड़ाई झगड़े हो या बेहस होती रहे तो इसका कारण पितृ दोष होता है।
- घर में कोई ना कोई बीमार होता रहता है या अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो ये पितृ दोष के कारण होते हैं।
- घर में तुलसी माता के पौधे का सुख जाना या बार-बार पीपल का उग जाना (पीपल को पूजनीय माना जाता है लेकिन घर में पीपल उगना शुभ नहीं माना जाता) घर में पीपल का उगना, पितृ दोष का कारण हो सकता है।
- पितृ दोष होने पर वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है और करोबार में भी रुकावटें आती हैं।
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पितृ दोष से बचने के उपाय
पितृ दोष निवारण के लिए कई प्रकार के उपाय मौजूद हैं, जिनका पालन करके आप इससे मुक्ति पा सकते हैं।
- पितृ पक्ष के समय पितरों के लिए किसी पंडित पुजारी के निर्देश से पूरी श्रद्धा और विधि विधान के साथ तर्पण करें, श्राद्ध करें, दान करें, ब्राह्मणों को खाना खिलाएं और हो सके तो कन्याओं का विवाह करवाएं।
- पित्रों को प्रसन्न करने के लिए रोज शाम को दक्षिण दिशा में तेल का दीया जलाएं।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप शाम के समय पीपल के पेड़ को जल अर्पित कर सकते हैं, जल में अक्षत, फूल, काला तिल डाल सकते हैं, पितृ दोष को शांत करने का ये एक अचुक उपाय है।
- शास्त्रों में माना जाता है कि दक्षिण दिशा में यम होते हैं तो पित्रों की तस्वीर उत्तर दिशा में स्थापित करनी चाहिए और तस्वीर का मुख दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
- पित्रों के तस्वीर पूजा घर, शयनकक्ष या रसोई में नहीं होनी चाहिए। तस्वीरों को टांगना नहीं चाहिए, इनको लकड़ी की चौकी के ऊपर रखना चाहिए और सारे पितरों की तस्वीरें एक जगह ही होनी चाहिए।
पितृ दोष लगने के कारण:
- पित्रों का श्राद्ध न करना।
- पीपल, नीम और बरगद के पेड़ का काटना।
- माता पिता का सम्मान न करना या उनकी मृत्यु के बाद तर्पण न करना, पिंडदान न करना और मृत्यु के बाद पूरी विधि विधान से अंतिम संस्कार न करना।
FAQ – Frequently Asked Questions
Q - क्या पितृपक्ष में भगवान् की पूजा करनी चाहिए ? Ans - पितृ पक्ष में देवी देवताओं की पूजा के साथ पितृ पूजा मना है। लेकिन आप मंदिर जाकर भगवान के दर्शन कर सकते हैं और पूजा कर सकते हैं। इस दौरान आप नई चीजें मत खरीदें और शुभ कार्यों को ना करें। सात्विक भोजन करें
Q - पितृपक्ष में किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या होता है ? Ans - पितृ पक्ष में प्राण त्यागने वालों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि स्वर्ग के द्वार पितृ पक्ष में खुल जाते हैं और व्यक्ति की आत्मा अपने पूर्वजों से मिलने की कोशिश करती है।
Q - पितरों के लिए कौन सा दीपक लगाना चाहिए ? Ans - पितृ पक्ष के दौरान पितरों के लिए गाय के घी का दीया जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
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