Mokshada Ekadashi: एकादशी व्रत के बारे में आमतौर पर सभी लोग जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं मोक्षदा एकादशी क्या है। आज इस लेख में हमआपको बताएँगे कि मोक्षदा एकादशी क्या है। साथ ही आप जानेंगे कि मोक्षदा एकादशी का महत्व क्या है। ऐसी कौन सी बातें हैं जो मोक्षदा एकादशी को इतना महत्वपूर्ण बना देती हैं।

मोक्षदा एकादशी क्या है
मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है। मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। मोक्षदा एकादशी व्रत का फल मोक्ष के रूप में प्राप्त होता है इसीलिए इसे मुक्ति की एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
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एकादशी की तिथि विष्णु भगवान् को प्रिय होती है इसीलिए प्रत्येक एकादशी पर भगवान् विष्णु की पूजा की जाती है। यदि इस दिन व्रत रखकर पूर्ण विधि का पालन करते हुए भगवान् विष्णु की पूजा करी जाती है। तो इससे व्रत करने वाले जातक को मोक्ष की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही उसे संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।
इसके साथ ही धार्मिक मान्यताएं यह भी कहती हैं कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यदि आपके किये गए कर्मों से आपके पितरों को मुक्ति मिलती है तो उनके आशीर्वाद से आपका जीवन खुशियों से भर जायेगा।
मोक्षदा एकादशी का महत्व
मोक्षदा एकादशी का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह एकादशी आपको मुक्ति के मार्ग पर ले जाती है। मोक्षदा एकादशी व्रत ऐसा व्रत है जिसे कोई भी गृहस्ती में रहने वाला व्यक्ति आसानी से कर सकता है। इस सामान्य व्रत का नियमों के अनुसार पालन करके, व्रत करने वाला स्वयं तो मोक्ष की प्राप्ति करता ही है। इससे उसके पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसे अपने पूर्वजों/पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कुछ अन्य बातें भी हैं जिनसे मोक्षदा एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है:
- मोक्षदा एकादशी के दिन यदि व्रत रखकर पूरे विधि-विधान से भगवान् विष्णु की पूजा की जाती है तो इससे मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके जीवन में सुखों का आगमन होता है।
- इस एकादशी पर व्रत रखकर पूर्ण भक्तिभाव और श्रद्धा के साथ भगवान् विष्णु की पूजा करने से जातक की सभी मनोकमनाएं पूर्ण होती हैं।
- सुख-समृद्धि भी मोक्षदा एकादशी के फल के रूप में जातक को प्राप्त होती है।
मोक्षदा एकादशी का व्रत समस्त मानव जाती के लिए समान रूप से लाभदायक है। इस एकादशी व्रत से होने वाले विभिन्न लाभ, मोक्षदा एकादशी का महत्व बढ़ा देते हैं। इस व्रत के महत्व के कारण ही सभी एकादशी व्रतों में मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
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मोक्षदा एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए
मोक्षदा एकादशी व्रत में केवल फलाहार करना चाहिए। फलों में आप सेब, आम, केला, संतरा, अंगूर, अमरूद, मौसमी फलों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप दूध, पनीर आदि का भी सेवन कर सकते हैं।
इस दिन अनाज, दालें, मांस, मछली, अंडे, प्याज, बैंगन, चावल, लहसुन,मसूर की दाल, जौ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। अपने व्रत के पारण तक इन सभी खाद्द सामग्रियों से दूरी बनाये रखें।
एकादशी व्रत में फलाहार करने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहते हैं। शरीर में किसी भी प्रकार के पौषक तत्वों की कमी नहीं होने पाती और शरीर स्वस्थ रहता है।
मान्यता के अनुसार इस दिन बाल, दाढ़ी और नाख़ून भी नहीं काटने चाहिए।
आशा करते हैं कि इस लेख को पढ़ने बाद आपको अपने प्रश्न “मोक्षदा एकादशी क्या है” का उत्तर मिल गया होगा। मोक्षदा एकादशी एक ऐसा व्रत है जिसको यदि पूर्ण नियमों का पालन करते हुए किया जाए तो व्रत करने वाला जातक जन्म-जन्मांतर के बंधन से मुक्त हो जाता है, ऐसा पुराणों में वर्णन किया गया है।
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