शिव को भांग क्यों चढ़ाया जाता है | जानिए इसका विज्ञान

शिव को भांग क्यों चढ़ाते हैं

साथियों इस आर्टिकल को पढ़कर आज आप जानेंगे की शिवलिंग पर भांग क्यों चढ़ाई जाती है। भांग भगवान् शिव को इतनी प्रिय कैसे है कि भांग उन्हें प्रसाद के रूप में अर्पित की जाती है। इस लेख में हम आपको भगवान् शिव और भांग के सम्बन्ध में छिपा विज्ञान विस्तारपूर्वक बताएँगे।

शिवलिंग और भांग

भांग या गांजा ऐसा शब्द है जिसे सुनकर आपके मन में एक नशेड़ी की तस्वीर उभरती होगी। भांग जो कि समाज में नशा फैला रही है ,समाज को बिगाड़ रही है। वह भांग शिव को प्रिय कैसे हो सकती है।

भांग जो कि समाज के एक वर्ग को बिगाड़ रही है। वही भांग सावन की शिवरात्रि में भगवान शिव को भांग चढ़ाई जाती है और सावन में भांग का प्रसाद पीना शुभ माना जाता है। 

क्या अपने कभी सोचा है, ऐसा क्यों ? जो वस्तु समाज को हानि पहुंचा रही है वह शिव को प्रिय कैसे हो सकती है। तो चलिए आपको बताते है महाशिवरात्रि पे भगवान शिव को प्रसाद रूप में भांग क्यों चढ़ाई जाती है। 

{ नोट : हम इस लेख में भांग के लिए गांजा शब्द का भी इस्तेमाल करेंगे क्यूंकि इसे ज्यादातर इन्हीं दो शब्दों से जाना जाता है }                   

शिवलिंग पर भांग गांजा क्यों चढ़ाया जाता है | Shivling par Bhang Ganja kyun chadhaya  jaata hai

भांग को कई नामों से जाना जाता है जिनमे भांग ,गांजा सामान्य रूप से प्रचलित है। हिन्दू शास्त्रों और वेदों में भांग को विजया नाम दिया गया है | अथर्वेद में भांग को 45 नाम दिए गए हैं।  

ऋषि मुनि जो कि वास्तव में उस समय के वैज्ञानिक खोजकर्ता थे उनहोंने अथर्ववेद में इसका वर्णन किया है। उन्होंने बताया की यदि हम धरती पर मिलने वाली सभी जड़ी बूटियों का उनके गुणों के आधार पर स्थान तय करें तो इन सभी में भांग(गांजा) को सबसे श्रेष्ठ है इसीलिए उनहोंने इसे विजया नाम दिया है।  

उनहोंने बताया की इस धरती पर इतने गुणों वाला पेड़-पौधा और कोई नहीं है। इन्हीं कारणों की वजह से हिन्दू धर्म में भांग को भगवान शिव पर अर्पित करने योग्य माना है। इसीलिए शिवलिंग पर भांग चढ़ाई जाती है। तो यह शिवलिंग पर भांग अर्पित करने के पीछे छिपा विज्ञान है और शिवलिंग पर भांग अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप किया जाता है। 

मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय। 

दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।। ऊँ नम: शिवाय।

भांग के गुणों की वजह से ही भांग को शिवलिंग पे अर्पित करने का विधान है। इतने गुण होने के बाद भी भांग को सभ्य समाज में  हीन भावना से देखा जाता है। उसका कारण सिर्फ एक ही है, वो है भांग से होने वाला नशा।  

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भांग (गांजा) में लगभग 400 Component (अवयव) पाए जाते हैं। आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार करने के लिए इन्हीं अवयवों का उपयोग किया जाता था।  

{ नोट – भांग के इन Component की गिनती कम या ज्यादा भी हो सकती है क्यूंकि भांग (गांजा) के ऊपर इस समय भी रिसर्च की जा रही है। }


इन 400 Component (अवयव) में से सिर्फ THC ही  एक ऐसा कॉम्पोनेन्ट होता है जिससे हमें नशा होता है और THC माँ के पहले दूध में भी होता है।अगर भांग से होने वाले नशे की वजह से ही लोग भांग को गलत मानते हैं तो क्या माँ का अपने बच्चे को दूध पिलाना भी गलत है ?

THC हमारे शरीर के लिए एक ज़रूरी तत्व होता है। ये बात कई शोध साबित कर चुके हैं। 

अगर आपका भी यही मानना है की भांग से नशे की लत लग जाती है तो आपको बता दें की लत कई तरह की होती है जैसे — खाने की लत, शॉपिंग की लत, इंटरनेट गेमिंग, पोर्न की लत, Alcohol Addiction, सोशल मीडिया की लत ऐसे और भी कई तरह के एडिक्शन आपको देखने को मिल जायेंगे। 

अब बात नशे की, तो आप एक बात जान लीजिये की आजकल लोग Iodex और पंक्चर लगाने में इस्तेमाल होने वाले Tube Puncture Solution का इस्तेमाल भी नशे के लिए करते हैं। लोग नशे के लिए puncture solution को सूंघते हैं और Iodex को ब्रेड पर लगाकर खाते हैं। तो क्या हम लोग इन चीजों को भी गलत कहने लग जाएंगे ?नहीं ये चीजें गलत नहीं हैं। लोगों ने इन चीजों का इस्तेमाल गलत किया है।

समाज इस तरह से नहीं चलता। बन्दूक से तो गोली ही चलाई जाएगी लेकिन वो समाज की भला करेगी या बुरा ये इस बात पर निर्भर करता है की वो बन्दूक फौजी के हाथ में है या आतंकवादी के हाथ में। बिलकुल यही बात भांग के लिए भी है की उसका इस्तेमाल करने वाला कौन है। कोई व्यक्ति भांग का इस्तेमाल केवल नशे के लिए कर रहा है या फिर भांग का इस्तेमाल किसी बिमारी के इलाज के लिए किया जा रहा है।

अगर भांग का इस्तेमाल सही दिशा में किया जाये तो इससे समाज की स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याएं दूर हो जाएँगी।

भांग(गांजा) के गुण और फायदे क्या है | Bhang ke fayede kya hai

  • आयुर्वेदिक इलाज का बेसिक कॉम्पोनेन्ट भांग (गांजा) है। आयुर्वेद में भांग चिकित्सा प्रणाली का आधार था। किन्तु अब कई तरह के प्रतिबंधों के कारण भांग की साड़ी गुणवत्ता का उपयोग नहीं किया जा रहा है।  

  • भांग में Omega 3, Omega 6 और Omega 9 पाया जाता है। यह दिल की बीमारियों को दूर रखता है साथ ही ब्लड प्रेशर की समस्या हड्डी, बालों, आंखों की परेशानियों और कई तरह के कैंसर को रोकने का काम करता है। यह डिप्रेशन की समस्या से निपटने में भी सहायता करता है। अगर आप नहीं जानते की ये तत्व  शरीर के लिए कितने जरूरी हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक करके इस बारे में विस्तार से जान सकते हैं।

  • अथर्ववेद में सोरायसिस (छालरोग) और Leprosy (कुष्ठ रोग) का भी वर्णन है और उसका इलाज भांग (गांजा) को बताया गया है। 

  • वर्ष 1893 – 94 में आयी Indian Hemp Drugs Commission की रिपोर्ट में कई लोगों ने बताया गया है कि भांग पी कर सोने के बाद अगले दिन जब वो लोग अच्छे से सो कर उठते हैं और इसको इस्तेमाल करने का कोई साइड इफ़ेक्ट भी उन्हें नहीं हुआ। जबकि आज के समय में लोगों को  नींद के लिए नींद की गोलियां खानी पड़ती हैं और लम्बे समय के बाद उनके साइड इफ़ेक्ट तो आप जानते ही हैं। 

  • टी. बी. का इलाज भी भांग से किया जा सकता है। 

  • भांग के तेल का इस्तेमाल दिल की बिमारिओं में भी किया जाता है। विदेशों में हार्ट ब्लॉकेज को सही करने के लिए Hemp Oil (भांग का तेल) का इस्तेमाल किया जाता है।  

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तो दोस्तों हम आशा करते हैं कि भांग, जिसके बारे में लोग खुले में बात करने से भी कतराते हैं उसके बारे में ऐसे वैज्ञानिक तथ्य जानकर आपको अच्छा लगा होगा।   


अगर आप भांग के और भी औषधीय गुणों के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपके लिए जल्द ही भांग पर और भी जानकारी जुटाने के बाद एक आर्टिकल लेकर आएंगे। आशा करते हैं ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी। 

(Disclaimer: This material on this website provides information about Hinduism and the science behind its traditions, customs. It is for general knowledge and educational purposes only.)

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